🙏🏻😊🌹सुप्रभात🌹😊🙏🏻
भोर भई खग कुल विस्मित है
सोया अबतक क्यों है इंसान
क्यों न जाने मर्म प्रकृति का
क्यों बनता है धर्म से अन्जान
सब ग्रन्थ कहें उठो सुबह ही
हो मात-पिता-गुरु-धरा प्रणाम
सब है अल्लाह-ईश्वर के बंदे
हर जीव जंतु का करो सम्मान
मीठी वाणी मुख पर रखकर
पूरे दिल से करो सब काम
दुःख में आस लगाओ प्रभु की
पर सुख में भी मन में लो हरिनाम
हर्षित मन में दया के भाव लिए
हर कार्य का रखो हिय से ध्यान
भोर भई खग कुल विस्मित है
सोया अबतक क्यों है इंसान
🙏🏻😊🌹सुप्रभात🌹😊🙏🏻
कविराज तरुण
9451348935
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