Thursday, 14 July 2016

आतंकवाद

त्वरित रचना 01
विषय आतंकवाद
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आतंकी के मौन समर्थक अब आवाज उठाकर आये ।
देशप्रेम तज इस माटी की फिरसे लाज गिराकर आये ।

जो मरा बता वो किसी सूरत में मानव जैसा था ।
आतंकी था हत्यारा केवल वो दानव जैसा था ।

उसके मरने पर भी तुम आँखों में गाज बहाकर आये ।
आतंकी के मौन समर्थक अब आवाज उठाकर आये ।

गम तुम्हे नही उन शहीदों का जो नित  कुर्बानी देते हैं ।
हम खिले फूल जैसे इसलिए जो खून का पानी देते हैं ।

ऐसे ही गद्दारों के कारण हम सिर से ताज लुटाकर आये ।
आतंकी के मौन समर्थक अब आवाज उठाकर आये ।

तुमने जंग करी है चारो बारी हुए चौखाने चित्त ।
भूल हुई तो कोशिश की और तुमको माना मित्र ।

घर में आग लगाने का बेशक तुम राज दबाकर आये ।
आतंकी के मौन समर्थक अब आवाज उठाकर आये ।

पर नर्क पहुंचना है तुम सबको यूँ हथियार उठाने वालो ।
माँ भारत के बेटो से अब करो पुकार बचाने वालो ।

ऐसे आतंकी तेवर को धूल जाबाज़ चटाकर आये ।
आतंकी के मौन समर्थक अब आवाज उठाकर आये ।
💣🇮🇳💣🇮🇳💣🇮🇳💣🇮🇳💣

✍🏻कविराज तरुण
9451348935
https://m.facebook.com/KavirajTarun/

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