दोहा -
रिश्ते सरल बनाइये , हिय में तनिक न लोभ ।
मन का दर्पण साफ़ तो , मिट जायेंगे दोष ।
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बिना प्रेम के भाव से , संभव तरुण विक्षोभ ।
एक दूजे को समझिये , होगा मन का बोध ।
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रिश्तों की उपमा नही , रिश्तों का नहि मोल ।
माला सहज बनाइये , इक इक दाना तोल ।।
🙏🏻🌹क. तरुण🌹🙏🏻
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