रचना 01
महाराणा प्रताप
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एक ही ऐसा वीर है जिसने
घास की रोटी खाई है ।
एक ही ऐसा वीर है जिसने
मुगलों को धूल चटाई है ।
मेवाड़ की धरती ने मिट्टी में
कितने शेरों को है पाला ।
जिनका आभूषण बनता है
खड्ग चमकता और भाला ।
महावीर महाराणा प्रताप
रुधिर नही ..था अग्निचाप ।
थर थर काँप उठे दुश्मन
जब पड़ता था दृष्टिपात ।
इनकी गाथा का वर्णन करती
धन्य हर एक चौपाई है ।
एक ही ऐसा वीर है जिसने
घास की रोटी खाई है ।
🙏🏻जय महाराणा🙏🏻
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✍🏻कविराज तरुण
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