बदलाव
केजरी ने पहना आज केसरी बाना
बेदी ने भेदा है आज फिर निशाना
अन्ना तमन्ना के बीज फिर से बो रहे
भूषण के भाषण से भ्रष्ट आज रो रहे
प्रशांत शांत भाव से कर रहे हैं प्रार्थना
उठो तरुण आज कर दो सिंह की गर्जना
दिला दो देश जो आज फिर आज़ादी
जय हिन्द के नारों से भर दो सारी वादी
अग्निवेश के संग देश कदम कदम मिला रहा
संतोष का जोश संसद को हिला रहा
हम भी खड़े कतार में
चाहे भेज दो तिहाड़ में
रूक न पाएगी आवाज़ ये देश तिलमिला रहा
जावान खून सड़को पे आज अन्ना संग आ रहा
--- कविराज तरुण
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