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नही हम शिकायत करेंगे ।
नही फिर बगावत करेंगे ।।
नज़र को झुकाकर के' यूँही ।
फ़क़त हम इबादत करेंगे ।।
ज़माना फरेबी है' माना ।
वफ़ा की हिमायत करेंगे ।।
जमीं पर बिछाकर सितारे ।
गुलिस्तां नियामत करेंगे ।।
तरुण नाम प्रेमी सदा मै ।
अदब से मुहब्बत करेंगे ।।
कविराज तरुण 'सक्षम'
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