Monday 13 June 2016

हेरा फेरी

रचना - हेरा फेरी

हेरा फेरी क्यों करता है
जहाँ देश धर्म की बात
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
सब हैं एक ही जात
क्यों कलम से नही अपनी तू
मानवता का पाठ पढ़ाये
हेर फेर करके खबरों को
असहिष्णुता का राग दोहराये
देश की साख वतन की इज्जत
को मत कर यूँ मैला
भारतेंदु ने देश बचाने को था
भरा लेख से थैला
उनका अनुकरण करने में
मत कर तनिक भी देरी
एक बना ये भारत धरती
छोड़ दे हेरा फेरी

✍🏻 कविराज तरुण

No comments:

Post a Comment