Tuesday, 21 June 2016

योग कलाधर छंद

बड़े प्रयास के बाद कलाधर छंद में लिखी रचना 🙏🏻
वर्ण गणना व मात्रा भार

2121212121212121= 16 वर्ण व 24 मात्रा
212121212121212 = 15 वर्ण व 23 मात्रा

रचना विषय - योग🏃🏻🏃🏻🏃🏻

पीड़िता पुकारती शरीर शोध कामनाय ।
जिंदगी बिगाड़ती उपासना सही नही ।।

भोर को उठो निरा समाज बोध भावनाय ।
योग के समान कोई साधना बनी नही ।।

छोड़ नींद खाब प्रीत योग ही सही उपाय ।
योग हो विचार भोग वासना सही नही ।।

रोग वामपंथ है नही कभी सुखी हिताय ।
योग भागवंत सी अराधना बनी नही ।।

✍🏻 कविराज तरुण

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