बड़े प्रयास के बाद कलाधर छंद में लिखी रचना 🙏🏻
वर्ण गणना व मात्रा भार
2121212121212121= 16 वर्ण व 24 मात्रा
212121212121212 = 15 वर्ण व 23 मात्रा
रचना विषय - योग🏃🏻🏃🏻🏃🏻
पीड़िता पुकारती शरीर शोध कामनाय ।
जिंदगी बिगाड़ती उपासना सही नही ।।
भोर को उठो निरा समाज बोध भावनाय ।
योग के समान कोई साधना बनी नही ।।
छोड़ नींद खाब प्रीत योग ही सही उपाय ।
योग हो विचार भोग वासना सही नही ।।
रोग वामपंथ है नही कभी सुखी हिताय ।
योग भागवंत सी अराधना बनी नही ।।
✍🏻 कविराज तरुण
No comments:
Post a Comment