Friday, 24 June 2016

रूप घनाक्षरी मानसून

रचना क्रमांक 🅾2⃣
रूप घनाक्षरी का प्रयास
16-16 पर यति , अंत में गुरु-लघु

विषय - मानसून

गर्मी से झुलस गये नही कटे अब जून ।
हरदिल करे पुकार आ जाओ मानसून ।।
रात सुहानी ओझल है सूरज देता भून ।
देरी करके मत कर अरमानों का खून ।।
आँखें मेघा राह निहारे आसमान है सून ।
वर्षा बूँदों को तरसे मुरझाये से प्रसून ।।
गर्मी से झुलस गये नही कटे अब जून ।
हरदिल करे पुकार आ जाओ मानसून ।।

✍🏻कविराज तरुण

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