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हुआ दिल पर असर देखो ।
मिला तुमको ये' घर देखो ।।
कहाँ जाओ ख़फ़ा हो के ।
बिछी मेरी नज़र देखो ।।
कमल क्यों खिल उठा है ये ।
गुलाबों के अधर देखो ।।
अगर मुमकिन जवानी में ।
निकल मेरा शहर देखो ।।
जुबां से आदमी हूँ मै ।
खुदा अंदर ठहर देखो ।।
मुहब्बत की इनायत है ।
तरुण देखो ब-हर देखो ।।
कविराज तरुण 'सक्षम'
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