Monday, 2 October 2017

ग़ज़ल 46 मन मेरा

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दिखे उसको जतन मेरा ।
बड़ा मासूम मन मेरा ।।

दराजो से निहारूँ मै ।
करे कोशिश नयन मेरा ।।

चली आना दुआरे पे ।
नही करना हनन मेरा ।।

सजी है सेज फूलों की ।
सजे जो तू चमन मेरा ।।

मिरी सीरत मिरी चाहत ।
अदम बेशक बदन मेरा ।।

निकलते हर्फ़ दिल भारी ।
तरुण समझो वजन मेरा ।।

कविराज तरुण 'सक्षम'

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