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न समझो तो बहाना है ।
जो' समझो तो फ़साना है ।।
गुले गुलज़ार की चाहत ।
सजोये आबदाना है ।।
खलिश किसको नही मिलती ।
रिवाज़ो में ज़माना है ।।
चलो देखो कुहासे मे ।
अगर इसपार आना है ।।
मुहब्बत बुलबुला जल का ।
इसे तो फूट जाना है ।।
करो कोशिश कभी तुम भी ।
जवानी इक तराना है ।।
नही सुरताल से मतलब ।
अदा से गुनगुनाना है ।।
मिले दुश्वारियां सच है ।
मज़ा फिरभी पुराना है ।।
'तरुण' घायल बहुत ये दिल ।
मगर किस्सा बनाना है ।।
कविराज तरुण सक्षम
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