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अभी दिल मे रवानी प्यार की है ।
अभी बाकी कहानी प्यार की है ।।
चिरागों से कहो जल जाये' अब वो ।
कई हसरत पुरानी प्यार की है ।।
कि गहरी हो चली है चोट दिल की ।
ज़रा देखो निशानी प्यार की है ।।
रवां हैं हुस्न की बारीकियां भी ।
जवां अबतक जवानी प्यार की है ।।
समझ मोती तरुण जो आँख नम है ।
यही अपनी ज़ुबानी प्यार की है ।।
कविराज तरुण 'सक्षम'
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