Monday, 19 June 2017

ग़ज़ल 14-चलेंगे

212 212 212 2

हाल-ए-दिल सुनाते चलेंगे ।
ख़्वाब अपने सजाते चलेंगे ।।

है अँधेरा घना क्यों डरे हो ।
दीप मन में जलाते चलेंगे ।।

मुश्किलें सामने आ गई तो ।
हम सनम मुस्कुराते चलेंगे ।।

साहिलों को पता है इरादा ।
नाव यूँ ही चलाते चलेंगे ।।

नाम तेरा जवानी तरुण है ।
दिल से दिल हम मिलाते चलेंगे ।।

कविराज तरुण सक्षम

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